తెలుగు | Epaper

Latest News : उत्तराखंड: पौराणिक धरोहर से आधुनिक वेडिंग डेस्टिनेशन तक

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Latest News : उत्तराखंड: पौराणिक धरोहर से आधुनिक वेडिंग डेस्टिनेशन तक

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण को डेस्टिनेशन (Wedding Hub) वेडिंग हब के रूप निरंतर विकसित करने के प्रयास अब रंग ला रहे हैं. भगवान शिव और देवी पार्वती के पौराणिक विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह धाम अब तेजी से देश-दुनिया के जोड़ों की पहली पसंद बन रहा है. यहां आयोजित होने वाली शादियों से क्षेत्र को आर्थिक तौर पर फलने-फूलने में बड़ी मदद मिल रही है. साथ ही पर्यटन को भी नए आयाम मिल रहे हैं।

उत्तराखंड: जिला प्रशासन की कोशिश से स्थानीय होटल, होम-स्टे, परिवहन, फूल-व्यवसाय, बैंड-बाजा और पुजारी समुदाय को सीधा लाभ मिल रहा है. इसी सकारात्मक परिवर्तन को और मजबूत करने के उद्देश्य से खंड विकास अधिकारी थराली नितिन धानिया ने भी अपनी शादी का आयोजन त्रियुगीनारायण में ही किया है. प्रशासनिक स्तर पर यह पहल क्षेत्र में वेडिंग डेस्टिनेशन (Wedding Destination) के रूप में नई ऊर्जा और पहचान ला रही है

2022 से अब तक हुईं 750 शादियां

त्रियुगीनारायण पुरोहित समिति के अध्यक्ष सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि साल 2022 से यहां औपचारिक रूप से विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके बाद शिव-पार्वती के दिव्य विवाह स्थल पर डेस्टिनेशन वेडिंग की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. साल 2022 से 2025 के बीच कुल 750 शादी संपन्न हुई, जिसमें साल 2022 में 50, 2023 में 200, 2024 में 200 और 2025 में अब तक 300 शादियां पूरी हो चुकी हैं।

अन्य पढ़ें: तिरुपरनकुंद्रम कार्तिगई दीपम विवाद मद्रास हाईकोर्ट ने शीर्ष अधिकारियों को तलब किया

प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग पॉइंट

लगातार बढ़ती मांग और प्रशासनिक प्रयासों के चलते त्रियुगीनारायण अब उत्तराखण्ड का प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग पॉइंट बन चुका है. आने वाले समय में यहां बेहतर सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और पर्यटन व्यवस्था के विस्तार से इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में और तेजी आने की उम्मीद है. त्रियुगीनारायण में एक अखंड ज्योति जलती है और चार पवित्र कुंड हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है. यहां शादी करने आने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके चलते प्रशासन भी निरंतर प्रयासरत है।

उत्तराखंड का असली नाम क्या है?

उत्तराखंड राज्य पहले आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत का हिस्सा था, जो 1902 में अस्तित्व में आया था। 1935 में, राज्य का नाम छोटा करके संयुक्त प्रांत कर दिया गया। जनवरी 1950 में, संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया और 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होने से पहले उत्तरांचल उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा रहा।

अन्य पढ़ें:

राजस्थान में बारिश का अलर्ट

राजस्थान में बारिश का अलर्ट

राजस्थान में तनाव बरकरार

राजस्थान में तनाव बरकरार

Bihar- शिक्षकों के लिए जनवरी 2026 से ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम लागू

Bihar- शिक्षकों के लिए जनवरी 2026 से ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम लागू

Bihar-बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार मल्टी-पोस्ट ईवीएम से होगा मतदान

Bihar-बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार मल्टी-पोस्ट ईवीएम से होगा मतदान

आज के Gold Price सोना–चांदी की कीमतों में तेज़ उछाल |

आज के Gold Price सोना–चांदी की कीमतों में तेज़ उछाल |

Shivraj Patil-पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन

Shivraj Patil-पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन

व्यापार व रक्षा पर बड़ी चर्चा…

व्यापार व रक्षा पर बड़ी चर्चा…

Indigo-इंडिगो ने प्रभावित यात्रियों के लिए मुआवजे और ट्रैवल वाउचर का ऐलान

Indigo-इंडिगो ने प्रभावित यात्रियों के लिए मुआवजे और ट्रैवल वाउचर का ऐलान

Bihar-राजद को बड़ा झटका, विजय कृष्ण ने राजनीति से लिया संन्यास

Bihar-राजद को बड़ा झटका, विजय कृष्ण ने राजनीति से लिया संन्यास

सदन में टीएमसी सांसद ने पी ई-सिगरेट, अनुराग ठाकुर ने स्पीकर से शिकायत

सदन में टीएमसी सांसद ने पी ई-सिगरेट, अनुराग ठाकुर ने स्पीकर से शिकायत

बीजेपी अध्यक्ष को लेकर चर्चा तेज, फडणवीस ने कहा– 2029 में भी मोदी ही नेता

बीजेपी अध्यक्ष को लेकर चर्चा तेज, फडणवीस ने कहा– 2029 में भी मोदी ही नेता

स्निग्धा सिंह की तलाश में एसीबी ने कई ठिकानों पर की छापेमारी

स्निग्धा सिंह की तलाश में एसीबी ने कई ठिकानों पर की छापेमारी

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870