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Vice President : NDA को स्पष्ट बहुमत, फिर विपक्ष का आत्मविश्वास किस आधार पर?

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Vice President : NDA को स्पष्ट बहुमत, फिर विपक्ष का आत्मविश्वास किस आधार पर?

Vice Presidential Election: जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति (Vice Presidential) पद से इस्तीफा ने देश की सियासत को हिला दिया था। उपराष्ट्रपति चुनाव वैसे तो सीधे जनता के माध्यम से नहीं होता लेकिन धनखड़ के इस्तीफ के बाद अचानक गायब हो जाना, इससे लोगों में उपराष्ट्रपति पद के लिए काफी रुचि बढ़ गई है। अब सभी की निगाहें अगले उपराष्ट्रपति पर हैं

Vice President : देश में उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 9 सितंबर (9 September) को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन ने बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। वैसे तो चुनाव में एनडीए की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन महागठबंधन का आत्मविश्वास भी आसमान पर है। 6 सितंबर को विपक्ष से उम्मीदवार रेड्डी ने एक कार्यक्रम में 100 फीसदी जीत का दावा किया है। इसकी पीछे की वजह क्या कुछ सांसदों का रुख साफ नहीं होना माना जा रहा है, जिन्हें विपक्ष अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है। आइए विस्तार से समझते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों का गणित?

वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 240 सांसद हैं, यानी संसद में कुल 782 सदस्य हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में बहुमत के लिए 392 मतों की जरूरत है। एनडीए ने 405 सदस्यों के समर्थन दावा किया है। इसमें लोकसभा के 293 और राज्यसभा के 112 सदस्य हैं। वहीं विपक्ष की बात की जाए तो लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर 355 सांसदों के समर्थन का दावा है।

Vice President : विपक्ष बहुमत से महज 37 सांसद दूर है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सत्ता पक्ष, विपक्ष और छोटे दलों के करीब 100 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक उपराष्ट्रपति के लिए अपनी पसंद का पत्ता नहीं खोला है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ऐसे 100 सांसदों में से अपना बहुमत पूरा करने की कोशिश करेगी। कांग्रेस का आत्मविश्वास से भरा दावा इशारा करता है कि कांग्रेस ऐसे सांसदों को अपने साथ जोड़ने में पूरी कोशिश में है।

रक्षामंत्री ने किया था निर्विरोध जीत का प्रयास

एनडीए ने जैसे ही सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार चुना था, वैसे ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात उनके आवास पर गए थे। चर्चा थी कि एनडीए इस चुनाव को निर्विरोध जीतना चाहता था। हालांकि कांग्रेस ने सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर निर्विरोध की रणनीति को फेल कर दिया। अभी तक भारत में केवल 4 बार निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। साल 1952 से 1962 तक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार उपराष्ट्रपति के निर्विरोध बने। 1952 में जनाब शेख खादिर हुसैन के नामांकन वापस लेने पर राधाकृष्णन अकेले प्रत्याशी रह गए थे। इसके अलावा साल 1979 में पूर्व प्रधान न्यायाधीश मो. हिदायतुल्लाह निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए थे।

जगदीप धनखड़ कौन हैं?

जगदीप धनखड़ (जन्म 18 मई 1951) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत के निर्वाचित 14वें उपराष्ट्रपति थे! उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।

जगदीप धनखड़ भारत के राष्ट्रपति कब बने थे?

कार्यकाल धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को वेंकैया नायडू के स्थान पर पदभार ग्रहण किया, उन्हें राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शपथ दिलाई गई।

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