चिकित्सा आपातलकाल में बदल गया मौसमी प्रवास
चामराजनगर। महाराष्ट्र (Maharashtra) के 13 परिवार हाल ही में गन्ना कटाई का काम करने के लिए चामराजनगर के येलंदूर तालुका में पलायन कर गए थे, लेकिन रविवार शाम को, इन प्रवासी परिवारों के बच्चों का एक समूह एक जहरीला जंगली फल खाने के बाद अस्पताल पहुंच गया, जिससे उनका मौसमी प्रवास एक चिकित्सा आपातकाल में बदल गया। यह घटना येरियूर गांव में हुई, जहां ये परिवार (Family) अस्थायी रूप से बसे हुए थे। पुलिस के अनुसार, बच्चों ने एक जंगली फल खाया था जिसे स्थानीय रूप से पिचन्नू कहा जाता है।
इसे खाने के तुरंत बाद, एक महिला और आठ बच्चों को उल्टी होने लगी और उनमें ज़हर के लक्षण दिखाई देने लगे। 108 हेल्पलाइन के ज़रिए तुरंत आपातकालीन सेवाओं से संपर्क किया गया। प्रभावित लोगों को चामराजनगर के ज़िला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। आपातकालीन प्रतिक्रिया के तौर पर चिकित्साकर्मियों ने उन्हें ग्लूकोज़ और ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान की है।
पीड़ितों की हालत स्थिर, दिख रहे सुधार के संकेत
ज़्यादातर पीड़ितों की हालत स्थिर बताई जा रही है और उनमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं, जबकि एक बच्चे समेत तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी कड़ी निगरानी जारी है। डॉक्टरों की एक टीम चौबीसों घंटे इलाज पर नज़र रख रही है। सोमवार को बात करते हुए डॉ. केआर महेशा ने बताया कि एक महिला समेत 8 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि चार बच्चों की हालत गंभीर है। सभी ज़रूरी मेडिकल सहायता दी जा रही है और अगले 24 घंटे बेहद अहम होंगे। फलों के नमूने जाँच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं और हम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं।
स्थानीय हलकों में चिंता
इस घटना ने स्थानीय हलकों में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि यह प्रवासी मज़दूरों और उनके परिवारों, खासकर बच्चों, की अपरिचित क्षेत्रों में पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता को उजागर करती है। इनमें से कई परिवार वंचित पृष्ठभूमि से आते हैं और अक्सर कुछ जंगली फलों या स्थानीय वनस्पतियों से उत्पन्न खतरों से अनजान होते हैं। अधिकारियों ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि फल में कोई विशिष्ट विषाक्त पदार्थ था या नहीं, लेकिन बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा है।

जंगली जलेबी खाने से क्या फायदे हैं?
इस फल में फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं, इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और त्वचा को भी स्वस्थ रखते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए भी यह उपयोगी माना जाता है।
गंगाजलेबी क्या है?
यह एक पेड़ पर लगने वाला फल है जो अपने टेढ़े-मेढ़े आकार और खट्टे-मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। कई क्षेत्रों में इसे जंगल जलेबी या गंगाजलेबी कहा जाता है।
जंगल जलेबी का वैज्ञानिक नाम क्या है?
इस फल का वैज्ञानिक नाम Pithecellobium dulce है। यह पेड़ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है और इसके फल खाने योग्य होते हैं।
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