हैदराबाद। साइबर क्राइम पुलिस (Cyber Crime Police), हैदराबाद ने कमिश्नर टास्क फोर्स ईस्ट ज़ोन टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए साइबर ठगों के 8 सदस्यों के ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो बड़े पैमाने पर म्यूल बैंक अकाउंट खोलकर उन्हें साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) को उपलब्ध करा रहा था। इन खातों का उपयोग देशभर में बड़े साइबर फ्रॉड को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था।
बैंक खातों के बदले पैसे पाने के लालच फंसा जगदीश उर्फ जग्गू
अक्टूबर 2023 में ऑटो चालक पूजारी जगदीश उर्फ जग्गू की मुलाकात एक यात्री कन्हैया (राजस्थान निवासी) से हुई, जिसने उसे बैंक खातों के बदले पैसे देने का लालच दिया। इसके बाद जगदीश ने अपने, अपनी पत्नी, रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर कई बैंक खाते खुलवाए और पासबुक, एटीएम कार्ड व क्रेडेंशियल कन्हैया को सौंप दिए। आसान तरीके से पैसा मिलने पर जगदीश ने अपने रिश्तेदार और दोस्तों को भी शामिल कर लिया। साइबर ठगों का धीरे-धीरे गिरोह का नेटवर्क बढ़ता गया और इनकी सीधी पहुँच साइबर ठग पूनम और रमेश (दोनों राजस्थान निवासी) तक हो गई। खाता खुलवाने के लिए प्रति व्यक्ति 1,500 से 3,000 रुपये दिए जाते थे।
आरोपियों के पास से 127 बैंक खातों से संबंधित पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक बरामद
बाद में आरोपी ने अपना अलग समूह बनाकर करूर वैश्य बैंक के बीडीएम बालाजी नायक की मदद से और भी खाते खुलवाने शुरू कर दिए। सभी बैंक खाते के दस्तावेज ब्लू डार्ट कोरियर से साइबर ठगों को भेजे जाते थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 127 बैंक खातों से संबंधित पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक, 30 ब्लू डार्ट कंसाइनमेंट रसीदें, सिम कार्ड, मोबाइल फोन, बायोमेट्रिक डिवाइस और एक टैब, खाते संबंधी नोटबुक और अकाउंट किट आदि बरामद किया है।
म्यूल बैंक अकाउंट धोखाधड़ी के 24 करोड़ जमा कराए
इन खातों में कुल जमा धोखाधड़ी राशि 24.10 करोड़ रुपए रही, जिसमें से 23.99 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। पुलिस द्वारा फ्रीज़/उपलब्ध राशि 16.31 लाख रुपए है। इन खातों में कुल 21 एनसीआरपी शिकायतें और विभिन्न राज्यों के 6 मामले जुड़े पाए गए। राजस्थान के रहने वाले फरार आरोपी कन्हैया, रमेश , पूनम की तलाश जारी है। इनकी गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम और टास्क फोर्स की एक विशेष टीम गठित कर दी गई है।
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