नई दिल्ली, 5 जून 2025: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘नरेंद्र, सरेंडर’ बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इस बयान पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दूरी बनाते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि राहुल गांधी की पार्टी उनके बयान का जवाब देने में सक्षम है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बजाय भारत सरकार को करनी चाहिए थी। इस बयान ने इंडिया गठबंधन के भीतर मतभेदों की ओर इशारा किया है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर बयान दिया था और कहा था, ‘उधर से ट्रंप ने फोन किया और इशारा किया कि मोदी जी क्या कर रहे हो? नरेंदर, सरेंडर. और ‘जी हूजूर’ कर के मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया।’
राहुल के बयान पर पाकिस्तान में चर्चा
चूंकि राहुल गांधी का स्टेटमेंट, पाकिस्तान के नैरेटिव को सूट करता है, इसलिए पाकिस्तान के हर न्यूज चैनल ने राहुल गांधी के बयान को हेडलाइन बनाया है और इस पर डिबेट की है। पाकिस्तान के ज्यादातर टीवी चैनल्स राहुल गांधी के स्टेटमेंट के बहाने से भारत को और प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर रहे हैं।
इंडी गठबंधन के नेताओं ने भी किया राहुल के बयान से किनारा
राहुल की भाषा को अब इंडी गठबंधन के नेता भी सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि राजनीति में शब्दों को सोच समझकर चुनना चाहिए। भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। मनोज झा ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ सारा विपक्ष मिलकर लड़ रहा है लेकिन ये वक्त पार्टी पॉलिटिक्स का नहीं है। इसलिए सोच समझकर बोलना चाहिए।
गौरतलब है कि राहुल का बयान ऐसे वक्त में आया जब ऑल पार्टी डेलिगेशन विदेशों में भारत की आवाज बना। इन डेलिगेशन्स में कांग्रेस के भी कई सांसद शामिल हैं। शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने राजनीतिक विरोध भूलकर विदेशों में भारत का पक्ष दमदार तरीके से रखा