‘Boycott Turkish tourism’: तुर्की के सैन्य विमानों के पाकिस्तान में उतरने पर भारत में आक्रोश
भारत और तुर्की के बीच संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। तुर्की के सैन्य विमानों के पाकिस्तान में उतरने की खबर सामने आते ही भारतीय जनता का गुस्सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर Boycott Turkish के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है।
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क्या है पूरा मामला?
- हाल ही में तुर्की के सैन्य विमान पाकिस्तान के एक एयरबेस पर उतरे।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमानों में सैन्य उपकरण और मदद से जुड़ा सामान था।
- भारत में इसे पाकिस्तान के साथ तुर्की की बढ़ती नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है।
- भारतीयों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से गंभीर चिंता का विषय बताया है।

सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर
- ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #BoycottTurkey ट्रेंड करने लगा।
- लाखों भारतीयों ने तुर्की टूरिज्म और तुर्की प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का आह्वान किया।
- लोग तुर्की में छुट्टियां बिताने की योजना को रद्द करने की अपील कर रहे हैं।
- कई मशहूर हस्तियों ने भी इस बहिष्कार का समर्थन किया है।
भारत-Boycott Turkish रिश्तों की वर्तमान स्थिति
- भारत और तुर्की के बीच संबंध पिछले कुछ सालों से तनावपूर्ण रहे हैं।
- कश्मीर मुद्दे पर तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत को नाराज किया था।
- इसके अलावा, कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्की ने भारत विरोधी रुख अपनाया है।
- अब पाकिस्तान के साथ सैन्य जुड़ाव ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
तुर्की के इस कदम का क्या मतलब है?
- विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की पाकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाना चाहता है।
- इससे दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
- भारत को इस नए गठबंधन से सतर्क रहने की जरूरत है।
- तुर्की का यह कदम भारत के लिए खतरे की घंटी के समान माना जा रहा है।
भारत का संभावित जवाब
- भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- हालांकि, विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि भारत अपने स्तर पर सख्त कदम उठा सकता है।
- तुर्की के साथ व्यापार और पर्यटन संबंधों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
- भारत अन्य सहयोगी देशों के साथ मिलकर कूटनीतिक दबाव बढ़ा सकता है।

भारतीयों की भावनाएं क्यों आहत हुईं?
- पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देता रहा है।
- ऐसे में तुर्की का पाकिस्तान का समर्थन भारतीयों को अस्वीकार्य लगा।
- देशभक्ति की भावना से प्रेरित होकर लोग तुर्की को सबक सिखाना चाहते हैं।
- इसी भावना ने बहिष्कार आंदोलन को और तेज कर दिया है।
Boycott Turkish के सैन्य विमानों का पाकिस्तान में उतरना केवल एक सैन्य गतिविधि नहीं है, बल्कि भारत के लिए एक चेतावनी है। भारतीय जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी ऐसे देश का समर्थन नहीं करेगी जो भारत के खिलाफ खड़ा हो। Boycott Turkish के बहिष्कार की यह मुहिम आने वाले समय में और तेज हो सकती है। अब सबकी निगाहें भारत सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
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