विदेशी आक्रमण भी न तोड़ सके श्रद्धा, अखंड जल रही है ज्योत
यह चमत्कारी शिव मंदिर (Somnath Temple) लगभग (1121) वर्षों पुराना है। स्थानीय मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन राजाओं द्वारा करवाया गया था और तब से लेकर आज तक यह आस्था का केंद्र बना हुआ है।
विदेशी आक्रमणों के बावजूद नहीं रुकी पूजा
इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि यह मंदिर कई विदेशी आक्रमणों का गवाह रहा है। लेकिन आक्रांताओं की हिंसा भी श्रद्धालुओं की आस्था को नहीं तोड़ पाई। मंदिर की पूजा-पाठ और अखंड ज्योत कभी नहीं रुकी।
Pali Temple News: पाली का सोमनाथ महादेव मंदिर सावन के अंतिम सोमवार पर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना. 1121 साल पुराने मंदिर में हजारों किलो फूलों से शिव का भव्य श्रृंगार हुआ. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
पाली. सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान शिव के भक्तों के लिए पाली शहर का सोमनाथ महादेव मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र बना हुआ है. अगर आप सौराष्ट्र स्थित शिव के दर्शन की कामना रखते हैं लेकिन वहां नहीं जा सकते तो पाली का यह मंदिर आपकी यह इच्छा पूरी कर सकता है.
यह वही मंदिर है जिसकी प्रतिमा, परंपरा और आस्था का सीधा संबंध सौराष्ट्र के सोमनाथ मंदिर से जुड़ा है. मंदिर का धार्मिक महत्व ही नहीं, इसका ऐतिहासिक गौरव भी देशभर में प्रसिद्ध है।
सावन में यहां हर दिन भगवान शिव का एक विशेष श्रृंगार किया जाता है
सावन में यहां हर दिन भगवान शिव का एक विशेष श्रृंगार किया जाता है. सोमवार को दिल्ली और अन्य राज्यों से मंगवाए गए हजारों किलो फूलों से महादेव का भव्य श्रृंगार हुआ. दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मंदिर की भव्यता और श्रद्धा की गूंज सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है।
1121 साल पुराना मंदिर, अखंड ज्योत और विदेशी आक्रमणों की गवाही
पाली का सोमनाथ महादेव मंदिर करीब 1121 साल पुराना है. इतिहासकारों के अनुसार इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था।
यह मंदिर देशभर में अपनी चमत्कारी मान्यताओं और धार्मिक प्रभाव के लिए जाना जाता है. यहां बीते 221 वर्षों से देशी घी की अखंड ज्योत निरंतर जल रही है. मंदिर पर समय-समय पर विदेशी आक्रमणकारियों ने हमले किए और मूर्तियों को खंडित भी किया. इसके बावजूद यह मंदिर आज भी श्रद्धालुओं की आस्था का मजबूत स्तंभ बना हुआ है।
श्रृंगार की भव्यता, फूलों से सजे महादेव के दर्शन
सोमनाथ मंदिर का विशेष श्रृंगार देशभर में चर्चित है. पुजारी सुनील ने बताया कि इस बार श्रृंगार के लिए दिल्ली समेत कई राज्यों से विशेष फूल मंगवाए गए हैं।
हजारों किलो फूलों से भगवान शिव का श्रृंगार किया गया. श्रृंगार इतना भव्य और आकर्षक है कि इसकी तस्वीरें देश-विदेश में वायरल हो रही हैं. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शहर के अन्य शिवालयों में भी उमड़ी भीड़
पाली के अन्य प्रसिद्ध शिव मंदिरों में भी सावन के इस अंतिम सोमवार को भक्तों की भीड़ देखने को मिली. पंचमुखी महादेव, निहालेश्वर महादेव, मण्डलेश्वर महादेव, पातालेश्वर महादेव, नीलकंठ महादेव सहित बापू नगर, इंदिरा कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, गांधी नगर में स्थित शिवालयों में भी श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजन किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. पूरा शहर शिवमय नजर आया।
सोमनाथ मंदिर Somnath Temple कितने साल पुराना है?
सर्वप्रथम इस मंदिर के उल्लेखानुसार ईसा के पूर्व यह अस्तित्व में था। इसी जगह पर द्वितीय बार मंदिर का पुनर्निर्माण 649 ईस्वी में वैल्लभी के मैत्रिक राजाओं ने किया। पहली बार इस मंदिर को 725 ईस्वी में सिन्ध के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने तुड़वा दिया था। फिर प्रतिहार राजा नागभट्ट ने 815 ईस्वी में इसका पुनर्निर्माण करवाया।
सोमनाथ मंदिर Somnath Temple के नीचे क्या मिला है?
रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के नीचे L शेप की एक और इमारत है। यह भी पता लगा है कि सोमनाथ मंदिर के दिग्विजय द्वार से कुछ दूरी पर ही स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टेच्यू के आस-पास बौद्ध गुफाएं भी हैं।