लड़कियों द्वारा यौन उत्पीड़न का लगाया गया था आरोप
संगारेड्डी। नारायणखेड़ पुलिस (Narayankhed police) ने कांग्रेस नेता और पूर्व नगरपालिका पार्षद राजेश चौहान (28) के खिलाफ नारायणखेड़ में लड़कियों और महिलाओं के लिए बीसी आवासीय छात्रावास की रहने वाली लड़कियों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया है।
दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के खिलाफ भी केस
न केवल राजेश के खिलाफ बल्कि उसकी मां शारदा, जो छात्रावास के कल्याण की प्रभारी थीं, तथा दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों – लक्ष्मी और शांताबाई के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए। स्थानीय कॉलेजों में पॉलिटेक्निक और डिग्री कोर्स कर रहे 30 से ज़्यादा छात्रों ने उत्पीड़न बर्दाश्त न करते हुए सोमवार देर रात भारी बारिश के बावजूद हॉस्टल परिसर में ही विरोध प्रदर्शन किया। बाद में छात्रों ने कार्रवाई की मांग को लेकर स्थानीय पुलिस थाने तक मार्च निकाला।

दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की थी मिलीभगत
तुरंत कार्रवाई करते हुए, सब-इंस्पेक्टर विद्याचरण रेड्डी ने छात्रावास का दौरा किया और छात्रों और उनके अभिभावकों से बातचीत की। छात्रों ने बताया कि राजेश अक्सर अपनी माँ से मिलने के बहाने छात्रावास आता था, लेकिन उनके साथ अनुचित व्यवहार करता था, उनके विरोध के बावजूद उन्हें छूता था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की राजेश और सारदा के साथ मिलीभगत थी। नाबालिग छात्रा और उप छात्रावास कल्याण अधिकारी भाग्यलक्ष्मी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजेश, सारदा, लक्ष्मी और शांताबाई के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
जिला कल्याण अधिकारी ने कही यह बात
जाँच करने वाले जिला कल्याण अधिकारी जगदीश ने बताया कि सारदा का तत्काल तबादला कर दिया गया है और दोनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि विस्तृत जाँच चल रही है। प्रारंभिक जांच की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पुलिस द्वारा राजेश, उसकी मां और दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किए जाने की उम्मीद है।
बीआरएस के पूर्व विधायक एम. भूपाल रेड्डी ने सरकार से आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने इस घटना के लिए शारदा को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उन्हें सभी कल्याणकारी कार्यों से स्थायी रूप से हटाने की भी मांग की। इस बीच, एबीवीपी, एआईएसएफ और एसएफआई से जुड़े छात्रों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को समर्थन दिया और सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
भारत में कितने राज्यों में कांग्रेस की सरकार है?
2025 तक भारत में कांग्रेस की सरकार 4 राज्यों में है – कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़। इसके अलावा, कांग्रेस कुछ राज्यों में गठबंधन सरकारों में सहयोगी दल के रूप में शामिल है।
1969 में कांग्रेस के फुट के क्या कारण थे?
1969 में कांग्रेस का विभाजन इंदिरा गांधी और पुराने कांग्रेस नेताओं (सिंडिकेट) के बीच मतभेद के कारण हुआ। राष्ट्रपति चुनाव में वोटो के बंटवारे और नीतिगत मुद्दों पर असहमति ने पार्टी को कांग्रेस (O) और कांग्रेस (I) में बांट दिया।
कांग्रेस का दूसरा नाम क्या है?
कांग्रेस का दूसरा नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) है। इसे आमतौर पर INC के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह भारत की आज़ादी की लड़ाई में प्रमुख राजनीतिक दल रहा है।
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