पटना: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। सीएम नीतीश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) में कहा कि वर्ष 2005 से ही उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध रही है।
उन्होंने बताया कि 2005 में बिहार का शिक्षा बजट महज 4366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 77690 करोड़ रुपये हो चुका है। यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता, ढांचागत विकास और स्कूलों में संसाधनों की बहाली में भी यह निवेश दिख रहा है।
रसोइयों और प्रहरियों को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों (Cooks) का मासिक मानदेय 1650 रुपये से बढ़ाकर 3300 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये किया गया है।
अनुदेशकों की सैलरी भी हुई दोगुनी
सीएम नीतीश ने बताया कि शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों को भी अब 16000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे, जो पहले केवल 8000 रुपये था। इसके साथ ही इनकी वार्षिक वेतन वृद्धि 200 से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न सिर्फ इन कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और छात्र-छात्राओं को भी बेहतर माहौल मिल पाएगा।सीएम नीतीश ने कहा “हमलोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। यह फैसला उन लोगों के सम्मान में है, जो जमीन पर बच्चों की सेवा कर रहे हैं।”
नीतीश कितनी बार मुख्यमंत्री बने थे?
नीतीश ने 2022 में आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं। वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री किस जाति के हैं?
नीतीश कुर्मी कृषक जाति से हैं। उनका उपनाम ‘मुन्ना’ है।
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