Assam : असम में ज़मीन के फर्जी लेन-देन के मामले में प्रशासनिक अधिकारी (Nupur Bora) नूपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उन्होंने हिंदू समुदाय की जमीन मुसलमानों को अवैध रूप से दिलवाने में भूमिका निभाई। जांच के दौरान करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है।
असम में जमीन घोटाले (Assam) से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. प्रदेश की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार अवैध कब्जों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. इसी बीच राज्य की सिविल सेवा अधिकारी नूपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने बारपेटा जिले में अपनी तैनाती के दौरान गैरकानूनी तरीके से हिंदू परिवारों की जमीन मुसलमानों को दिलवाई। यह मामला अब पूरे राज्य में विवाद का कारण बन गया है।
नूपुर बोरा का मामला सामने आया

कुछ महीनों से अवैध जमीन कब्जों पर कार्रवाई कर रही है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा खुद कई बार कह चुके हैं कि राज्य में किसी भी कीमत पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा की गई जमीन वापस ली जाएगी. इसी अभियान के दौरान नूपुर बोरा का मामला सामने आया. सीएम विजिलेंस टीम ने उन्हें लंबे समय तक पूछताछ के बाद आय से ज्यादा संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. नूपुर बोरा के गुवाहाटी स्थित आवास पर भी छापेमारी में 90 लाख रुपये कैश और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की किमत के सोने की ज्वैलरी को जब्त किया है।
असम में कौन सी जाति ज्यादा है?
2011 में असम में गिने गए 38.84 लाख अनुसूचित जनजातियों में से, यह पाया गया कि 33.50 लाख हिंदू हैं; राज्य में एसटी आबादी का 86.24 प्रतिशत है। अहोम जनजाति के लगभग 95%, बोडो जनजाति के 90%, कार्बी जनजाति के 83%, दिमासा जनजाति के 99%, राभा जनजाति के 94%, मिशिंग जनजाति के 97% लोग आस्था से हिंदू हैं।
असम में हिंदुओं का प्रतिशत कितना है?
2011 की जनगणना के अनुसार, 61.47% हिंदू और 34.22% मुसलमान थे। अनुसूचित जनजातियों और जातियों की आबादी में ईसाई अल्पसंख्यक (3.7%) पाए जाते हैं। अन्य धर्मों में जैन धर्म (0.1%), बौद्ध धर्म (0.2%), सिख धर्म (0.1%) और जीववाद (खामती, फाके, ऐटन आदि) शामिल हैं।
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