RBI ने मांगे सुझाव, ग्राहकों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 238 बैंकिंग(Banking) नियमों का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, ग्राहक सुरक्षा, और जवाबदेही को बढ़ाना है। इन ड्राफ्ट नियमों पर जनता से 10 नवंबर तक सुझाव मांगे गए हैं। यह पहली बार है जब नियामक कानूनों के ड्राफ्ट को सुझावों के लिए सार्वजनिक किया गया है। इन महत्वपूर्ण बदलावों को 1 जनवरी से 1 अप्रैल 2026 तक लागू किए जाने की संभावना है। RBI के पूर्व गवर्नर आर. गांधी ने इस कदम को नियमों को जनता के सामने लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया है।
साइबर फ्रॉड और लॉकर सुरक्षा में बढ़ी ग्राहक राहत
नए नियमों के तहत, ग्राहकों को साइबर फ्रॉड के मामलों में बड़ी राहत मिलेगी। यदि ग्राहक फ्रॉड की जानकारी तीन दिन के भीतर बैंक को देता है, तो उसकी जवाबदेही शून्य होगी। यदि बैंक(Banking) समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। लॉकर सुरक्षा के मामले में भी बैंक की जिम्मेदारी बढ़ेगी; चोरी या लापरवाही की स्थिति में बैंक(Banking) को लॉकर किराए का 100 गुना तक हर्जाना देना होगा। इसके अलावा, क्लेम सेटलमेंट अब 15 दिन के अंदर करना अनिवार्य होगा, जिससे ग्राहकों को त्वरित समाधान मिल सकेगा।
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लोन, KYC और वरिष्ठ नागरिक सेवाओं में सुधार
लोन से संबंधित कई नियमों में सुधार प्रस्तावित है। लोन ब्याज दर तय करने के लिए एक समान फॉर्मूला लागू किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी, और सभी लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी खत्म हो जाएगी, जिससे ग्राहकों के लिए जल्दी लोन चुकाना आसान होगा। KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया में भी बदलाव किए गए हैं: सामान्य खातों के लिए 10 साल में एक बार, मध्यम जोखिम वालों के लिए 8 साल में, और उच्च जोखिम वालों के लिए हर 2 साल में KYC करना होगा, जिससे बार-बार की कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी। 70 वर्ष से अधिक उम्र के ग्राहकों के लिए घर बैठे बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव है, जिससे बुजुर्गों के लिए बैंकिंग सहज हो जाएगी।
प्रस्तावित बैंकिंग नियम कब तक लागू होने की संभावना है?
इन सुझावों पर विचार करने के बाद ये सारे नियम 1 जनवरी से 1 अप्रैल 2026 तक लागू हो जाएंगे।
साइबर फ्रॉड होने पर ग्राहक की जवाबदेही शून्य कब होगी, और बैंक पर जुर्माना कब लगेगा?
ग्राहक द्वारा तीन दिन में फ्रॉड की जानकारी देने पर ग्राहक की जवाबदेही शून्य होगी। अगर बैंक(Banking) समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर ₹25,000 तक जुर्माना लगाया जा सकेगा।
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