తెలుగు | Epaper

Breaking News: IndiGo: इंडिगो संकट पर अदालत की कड़ी टिप्पणी

Dhanarekha
Dhanarekha
Breaking News: IndiGo: इंडिगो संकट पर अदालत की कड़ी टिप्पणी

हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली: हाई कोर्ट ने इंडिगो(IndiGo) एयरलाइंस द्वारा फ्लाइट रद्दीकरण और अचानक बढ़े किराए को लेकर केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछे। जनहित याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने पूछा कि सरकार ने ₹35,000 से ₹39,000 तक पहुंच चुके किराए को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए और फंसे यात्रियों की मदद तुरंत क्यों नहीं की। अदालत ने इस स्थिति को व्यवस्था की बड़ी विफलता बताया।

मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान सरकार के प्रतिनिधि चेतन शर्मा(Chetan Sharma) से कहा कि यदि इंडिगो चूक गई, तो सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या कोशिश की? कोर्ट ने सवाल उठाया कि यह स्थिति क्यों बनी और जिम्मेदारी किसकी है। अदालत ने कहा कि यह केवल यात्रियों को होने वाली परेशानी का मामला नहीं, बल्कि आर्थिक नुकसान का भी विषय है

किराया उछाल पर अदालत की सख्त टिप्पणी

इंडिगो(IndiGo) के संकट के बीच अन्य एयरलाइंस ने टिकटों के दाम कई गुना बढ़ाकर बेचने शुरू कर दिए। जो टिकट पहले ₹5000 के मिल रहे थे, वे बाद में ₹35,000 से ₹39,000 तक पहुंच गए। कोर्ट ने पूछा कि अन्य एयरलाइंस को इतना अधिक किराया वसूलने की छूट कैसे मिल गई और ऐसे समय में सरकार ने कीमतों पर रोक लगाने के लिए क्या किया।

सरकार(Government) की ओर से ASG शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग और बीमार यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई। हालांकि अदालत ने पूछा कि यदि तैयारियां पूरी थीं, तो आखिर हालात नियंत्रण से बाहर क्यों हुए।

किराया सीमा तय और जांच समिति गठित

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस द्वारा मनमानी किराया वृद्धि रोकने के लिए किराया सीमा तय करने का आदेश जारी किया। मंत्रालय और DGCA ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक समीक्षा समिति गठित की है, जिसने अपनी रिपोर्ट में कई खामियों की पहचान की है।

DGCA की रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइंस के संचालन, मूल्य निर्धारण और संकट प्रबंधन में कई महत्वपूर्ण कमजोरियां सामने आईं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन खामियों को जल्द दूर किया जाए और यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा को प्राथमिकता बनाई जाए।

अन्य पढ़े: Latest News : शेयर बाज़ार में भारी उतार-चढ़ाव

जनहित याचिका से शुरू हुआ मामला

इंडिगो(IndiGo) फ्लाइट कैंसिलेशन और यात्रियों की मुश्किलों को लेकर दायर जनहित याचिका में स्टाफ के खराब व्यवहार और अन्य एयरलाइंस द्वारा अनियमित किराया बढ़ोतरी का भी जिक्र था। शुरुआती अस्वीकार के बावजूद अदालत ने मुद्दे की गंभीरता देखते हुए सुनवाई को मंजूरी दी।

कोर्ट ने याचिका में पर्याप्त डॉक्यूमेंटेशन न होने पर असंतोष जताया, लेकिन कहा कि यात्री हितों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता, इसलिए मामले पर विस्तृत जांच आवश्यक है।

क्या सरकार एयरलाइंस के किराए को नियंत्रित कर सकती है?

सरकार सीधे किराया तय नहीं करती, लेकिन संकट की स्थिति में वहDGCA के माध्यम से दामों पर सीमा लागू कर सकती है। इस मामले में भी मंत्रालय ने किराया सीमा तय करने का आदेश देकर अस्थायी राहत देने की कोशिश की।

क्या बढ़ते किराए पर एयरलाइंस पर कार्रवाई हो सकती है?

यदि जांच में यह साबित होता है कि एयरलाइंस ने जानबूझकर संकट का फायदा उठाकर किराया बढ़ाया, तो DGCA आर्थिक दंड, लाइसेंस सस्पेंशन या अन्य दंडात्मक कदम उठा सकती है। कोर्ट भी स्थिति के अनुसार सख्त निर्देश दे सकता है।

अन्य पढ़े:

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870