दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हाजीपुर लोकसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि चूंकि चुनाव बिहार में हुए थे, इसलिए इसमें अधिकार क्षेत्र का अभाव है।
उच्च न्यायालय के पास नहीं है चुनाव याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि चूंकि चुनाव बिहार में हुए थे, इसलिए उच्च न्यायालय के पास चुनाव याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा, तदनुसार, चुनाव याचिका को क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के अभाव के आधार पर खारिज किया जाता है। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को अन्य कानूनी उपायों का लाभ उठाने की स्वतंत्रता दी।

याचिकाकर्ता का दावा ..
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह यौन उत्पीड़न की शिकार है, जो प्रिंस राज और उसके चचेरे भाई पासवान सहित उसके सहयोगियों के आग्रह पर किया गया था, जिन्होंने चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करते समय इस आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा नहीं किया था।
उच्च न्यायालय की टिप्पणी: दिल्ली में चुनाव याचिका सुनवाई योग्य नहीं है
उन्होंने तर्क दिया कि आपराधिक मामलों के संबंध में झूठा हलफनामा दाखिल करना या हलफनामे में कोई जानकारी छिपाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 ए का उल्लंघन है और इसके लिए छह महीने की सजा हो सकती है। भारत के चुनाव आयोग के वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दिल्ली में चुनाव याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि चुनाव बिहार में हुए थे।
फिल्मों में भी किया काम
सांसद चिराग पासवान ने फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमाया है। वह कंगना रनौत के साथ अभिनय कर चुके हैं। सांसद बनने के बाद चिराग पासवान और कंगना रनौत के साथ बनी फिल्म के दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। वहीं जब संसद में पहली बार कंगना रनौत और चिराग पासवान मिले थे तो गर्मजोशी से एक दूसरे का स्वागत किया था।