UPSC Story: पिता ने नहीं देखा स्‍कूल का मुंह, बेटी ने पास की यूपीएससी परीक्षा

यूपीएससी

कर्नाटक की प्रीति एसी ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में 263वीं रैंक हासिल की है. उनके पिता चन्नबसप्पा एक कुक हैं. प्रीति ने बिना कोचिंग के तीसरे प्रयास में सफलता पाई. प्रीति के यहां तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्‍प है…

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 संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) काफी कठिन मानी जाती है. इसके लिए हर साल लाखों युवा सपने देखते हैं और IAS, IPS बनने के ख्‍वाब बुनते हैं, लेकिन कुछ के ही सपने साकार हो पाते हैं. हर साल जब नतीजे आते हैं, तो कई ऐसे नाम इस लिस्‍ट में रहते हैं, जिनकी सफलता मिसाल बन जाती है. ऐसी ही एक कहानी कर्नाटक की है. यहां एक कुक की बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास करके अपने पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. आइए जानते हैं पूरी कहानी…

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 कर्नाटक के मैसूरु जिले की प्रीति एसी ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में 263वीं रैंक हासिल की है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दिन यानि मंगलवार को जब यूपीएससी के नतीजे आए, उस समय दोपहर 1 बजे प्रीति एसी के 53 वर्षीय पिता चन्नबसप्पा अपने पड़ोसी के बोरवेल से अपने खेत में पानी दे रहे थे. तभी उनकी बेटी प्रीति एसी का फोन आया कि उसने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 263वीं रैंक हासिल की है. इतना सुनते ही चन्नबसप्पा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. चन्नबसप्पा सालिग्राम तालुक के मायिगौडनहल्ली गांव के रहने वाले हैं।

पिता ने नहीं देखा स्‍कूल का मुंह

प्रीति एसी के पिता चन्नबसप्पा ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा. वह रसोइया (पार्ट-टाइम कुक)का काम करते हैं इसके अलावा रोजमर्रा की मजदूरी करके परिवार चलाते हैं, लेकिन उन्होंने सालों पहले अपनी बेटी प्रीति के मन में IAS बनने का सपना बो दिया था.जिसके बाद प्रीति ने उसे अपने जीवन का लक्ष्‍य बना लिया. बेटी की सफलता से खुश चन्नबसप्पा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गरीबी के बावजूद मुझे अपनी बेटी पर हमेशा विश्वास था.।

हमने उसे सरकारी कन्नड़ माध्यम के स्कूल में SSLC तक पढ़ाया. फिर वह केआरनगर के सरकारी पीयू कॉलेज में गई.प्रीति ने मंड्या के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर से एग्रीकल्चर में बीएससी की पढ़ाई की.इसके बाद उसने बीएचयू (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय)से एग्रीकल्‍चर से एमएससी किया.चन्नबसप्पा ने कहा कि मैंने अपनी दोनों बेटियों की पढ़ाई के लिए मजदूरी से लेकर खाना पकाने तक हर काम किया. किसी ने मेरा साथ नहीं दिया, लेकिन आज दिल को सुकून है.

बिना कोचिंग, तीसरे प्रयास में पास की परीक्षा

26 वर्षीय प्रीति एसी ने तीसरी बार में यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की है.उन्‍होंने इसके लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. उन्होंने ऑप्शनल विषय के रूप में एंथ्रोपोलॉजी (मानवशास्त्र)चुना था.परीक्षा में सफलता के बाद प्रीति ने कहा कि यह मेरे पिता का सपना था,मैंने केवल सरकारी संस्थानों से पढ़ाई की है।

23 अप्रैल को प्रीति ने जब अपने पिता को फोन कर यह खबर सुनाई, तो उनकी आंखों से आंसू छलक पडे.प्रीति की कहानी इस बात की मिसाल बन गई है कि अगर सपने बड़े हों, तो संसाधन बाधा नहीं बनते. प्रीति ने यह सिद्ध कर दिया कि दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत के दम पर कोई भी ऊंची उड़ान भरी जा सकती है।

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