फॉर्म 16 एक ऐसा सर्टिफिकेट है जो नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है। इसमें यह अनुसूचित होता है कि किसी कामगार ने एक वित्तीय वर्ष में कितनी सैलरी कमाई और उस पर कितना टैक्स काटा गया।
Part A – टैक्स कटौती और जमा की सूचना
इस भाग में एम्प्लॉयर और कर्मचारी की बेसिक सूचना के साथ तिमाही आधार पर टीडीएस और उसका डिपॉजिट लिखा हुआ है।
Part B – सैलरी और घटाव का विवरण
इसमें नौकर की पूरी सैलरी ब्रेकअप, सेक्शन 80C और 80CCD जैसी वियोजन भागीदार होती हैं, जिससे वापसी पत्रावली करना सरल होता है।
फॉर्म 16 से टैक्स फाइलिंग क्यों होती है आसान?
फॉर्म 16 में टैक्स, कमाई और कटौती की सारी सूचना होती है। इससे आईटीआर भरते वक्त बाकी दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं पड़ती।
रिफंड का क्लेम करने में सहायक
अगर आपकी सैलरी से अधिक टैक्स काटा गया है, तो फॉर्म 16 की सहायता से आप सही विधि से प्रतिपूर्ति क्लेम कर सकते हैं।

लोन, वीजा और टैक्स जांच में मददगार
बैंक या विदेशी दूतावास फॉर्म 16 को आय और टैक्स पेमेंट का प्रमाण मानते हैं, जिससे वीजा या लोन प्रोसेसिंग सरल होती है।
ITR डेटा का क्रॉस वेरिफिकेशन
इनकम टैक्स विभाग फॉर्म 16 की खबर को आईटीआर से मिलाकर निरीक्षण करता है। डेटा मेल खाने पर किसी अधिसूचना की संभावना कम होती है।
क्या रखें ध्यान?
फॉर्म 16 आमतौर पर हर वित्तीय साल के अंत में दिया जाता है। इसे वक्त पर नियोक्ता से लेकर उसकी डिजिटल कॉपी अवश्य सुरक्षित रखें।