50,000 एकड़ जंगल को पुनः प्राप्त करने में रहे हैं सफल
आदिलाबाद। कवाल टाइगर रिजर्व (केटीआर) [Kawal Tiger Reserve (KTR)] में वन क्षेत्र का अतिक्रमण वन अधिकारियों के लिए चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि आरक्षित वन में लगभग दो लाख एकड़ जंगल पर कब्जा कर लिया गया है, जिससे 2015 से 2025 तक बाघों के संरक्षण में बाधा उत्पन्न हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में वे कब्जाधारियों से मुकाबला करके और कभी-कभी ग्रामीणों के शारीरिक हमलों का सामना करके 50,000 एकड़ जंगल को पुनः प्राप्त करने में सफल रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया, ‘आम तौर पर बाघ शांतिप्रिय होते हैं। वे जंगल को तभी अपना घर बनाते हैं जब वह शांत और अशांत हो। वे न केवल मुख्य क्षेत्र में, बल्कि रिजर्व के बफर और गलियारों में भी वन क्षेत्र के अतिक्रमण से उत्पन्न अशांति के कारण रिजर्व में प्रवेश नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के ताडोबा टाइगर रिजर्व (Tadoba Tiger Reserve) से तुलनात्मक रूप से बड़ा यह रिजर्व बाघों को आकर्षित करने में विफल हो रहा है।
ज़मीन के टुकड़े देने के लिए आगे आ रहे हैं अधिकारी
अतिक्रमण का खतरा बदस्तूर जारी है, जबकि अधिकारी अलग-अलग इलाकों में रहने वालों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए ज़मीन के टुकड़े देने के लिए आगे आ रहे हैं। हालाँकि, आर्थिक रूप से मज़बूत समुदाय भी लालची अधिकारियों को रिश्वत देकर जंगल पर अतिक्रमण करते पाए गए हैं। एक वन अधिकारी ने बताया, ‘सिरिशेल्मा खंड और कुंतला खंड में ही लगभग 2,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया गया।
इसी तरह, अप्रैल 2020 से मार्च 2025 तक तस्करों से 14 लाख रुपये मूल्य की सागौन की लकड़ी और रेत ज़ब्त की गई।’ 2012 में निर्मित, केटीआर का कोर ज़ोन 893 वर्ग किलोमीटर और बफर ज़ोन 1,120 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो आदिलाबाद, कुमराम भीम आसिफाबाद, निर्मल और मंचेरियल के चार जिलों को कवर करता है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने बाघों की स्थिति-2022 पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कागजनगर में कुछ बाघों को छोड़कर, रिजर्व में कोई बाघ नहीं पाया गया है।
1,492 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र
हाल ही में, राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर केटीआर के गलियारे को कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है, जिसमें 1,492 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है, ताकि ताडोबा से कवाल की ओर प्रवास करने वाले बाघों की रक्षा की जा सके, पिछले एक दशक में कुमराम भीम आसिफाबाद जिले में बाघों के प्रजनन और कई अंतर-राज्यीय बाघ फैलाव को ध्यान में रखा जा सके।

कवल टाइगर रिजर्व किस राज्य में स्थित है?
तेलंगाना राज्य में कवल टाइगर रिजर्व स्थित है। यह आदिलाबाद जिले में स्थित एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है।
भारत में 55 वां टाइगर रिजर्व कौन सा है?
55वाँ टाइगर रिजर्व Dholpur–Karauli Tiger Reserve है, जो राजस्थान के ढोलपुर और करौली जिलों में स्थित है। इसे अगस्त 2023 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था।
कवल टाइगर रिजर्व किस जिले में है?
कवल टाइगर रिजर्व तेलंगाना के मनचेरियल जिले (पूर्व में आदिलाबाद) के जन्नाराम मंडल में स्थित है।
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