नई दिल्ली। दिल्ली में 10 नंवबर को हुए धमाके के मामले में पुलिस ने एक और नई एफआईआर (New FIR) दर्ज की है। दिल्ली कार बम विस्फोट मामले की जांच का दायरा बढ़ गया है और अब सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि वित्तीय और मनी लॉंड्रिंग के मामले की जांच के लिए सीबीआई (CBI) और ईडी को भी इसमें शामिल किया गया है।
डॉक्टर टेरर मॉड्यूल की बड़ी साजिश का खुलासा
जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि डॉक्टर टेरर मॉड्यूल (Doctor Terror Moduel) 6 दिसंबर को आतंकी वारदात करना चाहता था। कुल 8 डॉक्टर शुरुआत में इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थे। पूरे दिल्ली-एनसीआर में वे 32 जगहों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।
कई एजेंसियों की संयुक्त छापेमारी, संदिग्ध हिरासत में
एनआईए, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस गुरुवार को तलाशी अभियान में जुटी रहीं, जिसके परिणामस्वरूप कुछ और संदिग्ध डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया और चार कारों को जब्त किया गया।
टेरर मॉड्यूल से जुड़ी चार कारें बरामद
जांचकर्ताओं ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से अब चार कारों का संबंध जोड़ा है। फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने सभी कारों को बरामद कर लिया है।
- स्विफ्ट डिजायर—डॉ. शाहीन के नाम पर, उपयोगकर्ता डॉ. मुजम्मिल
- आई20—कथित तौर पर दिल्ली विस्फोट में इस्तेमाल
- इकोस्पोर्ट—फरीदाबाद से बरामद
- ब्रेज़ा—चौथी जब्त कार
डॉ. उमर और मुजम्मिल के बीच वित्तीय विवाद सामने आया
जांच में पता चला है कि वारदात की योजना बनाने के लिए डॉ. उमर ने सिग्नल ऐप पर एक सीक्रेट ग्रुप बनाया था। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी से फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा हुआ।
यूरिया से IED बनाने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपियों ने 20 लाख रुपये नकद जुटाकर डॉ. उमर को दिए। इसमें से 3 लाख रुपये आईईडी तैयार करने के लिए गुरुग्राम और नूंह से 20 क्विंटल एनपीके खाद खरीदने में खर्च किए गए।
डायरियों से मिले कोडवर्ड, गुप्त ‘ऑपरेशन’ का खुलासा
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरों से बरामद डायरियों में ऑपरेशन के लिए कई कोड वर्ड मिले हैं।
- एक डायरी—डॉ. उमर के कमरा नंबर 4 से
- दूसरी डायरी—डॉ. मुजम्मिल के कमरा नंबर 13 से (यहीं बैठकर साजिश रची जाती थी)
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