नई दिल्ली। दिल्ली में हुए धमाके की जांच जारी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra modi) अपने निर्धारित दो दिवसीय भूटान दौरे पर हैं। आज दूसरा दिन है। मंगलवार को उन्होंने ग्लोबल पीस प्रेयर में भाग लिया, भूटान नरेश से मुलाकात की और भगवान बुद्ध (Lord Buddha) के पवित्र अवशेषों के दर्शन किए। भूटान से ही पीएम ने दिल्ली धमाके पर कड़ा संदेश दिया कि षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। शाम तक वे स्वदेश लौटेंगे।
जी-7 समिट में, भारत की भूमिका पर केंद्र में ‘ग्लोबल साउथ’
इधर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर कनाडा (Canada) की विदेश मंत्री अनिता आनंद के निमंत्रण पर जी-7 समिट में शामिल होने पहुंचे। यह दौरा भारत की वैश्विक साझेदारी और ग्लोबल साउथ की आवाज मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
द्विपक्षीय मुलाकातों में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
जयशंकर ने ब्रिटेन की विदेश सचिव यवेट कूपर, जर्मनी के जोहान वेडफुल, ब्राज़ील के माउरो विएरा और फ्रांस के जीन-नोएल बैरोट से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इन बैठकों में द्विपक्षीय सहयोग, आर्थिक साझेदारी, वैश्विक दक्षिण की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन चर्चा हुई।
भारत का संदेश — बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के लिए तत्पर
भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह बहुपक्षीय मंचों पर साझा चुनौतियों से निपटने और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए तत्पर है।
विदेश नीति और सुरक्षा, दोनों मोर्चों पर सक्रिय भारत
दिल्ली धमाके की छानबीन तेज है, लेकिन सरकार की विदेश नीति में कोई व्यवधान नहीं। पीएम मोदी भूटान से लौटते ही स्थिति की समीक्षा करेंगे, जबकि जयशंकर जी-7 में भारत की सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। दोनों स्तरों पर भारत की कूटनीति और सुरक्षा सतर्कता बरकरार है।
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