मुंबई । कभी हिंदी के नाम पर तो कभी बाहरी के नाम पर आए दिन मारपीट और थप्पड़बाजी के लिए पहचान बना चुकी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे ने अब एक नया मसला प्रकट किया है। मसला ये है कि खुद मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thakrey) ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि अगर ऐतिहासिक किलों पर नमो पर्यटन केंद्र बनाए गए, तो उन्हें तोड़ देंगे। खबरें थी कि राज्य सरकार ने ऐसे केंद्रों के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके अलावा ठाकरे ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाए हैं।
“नमो सेंटर बने तो तोड़ देंगे” – राज ठाकरे
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा, कुछ अखबारों में खबरें छपी हैं कि राज्य सरकार हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के किलों पर नमो टूरिज्म सेंटर्स बनाने की योजना बना रही है। यह शहरी विकास विभाग के तहत हो रहा है, जो एकनाथ शिंदे की अगुवाई है। उन्हें एक नमो केंद्र बनाने दो, हम उसे तबाह कर देंगे। ये आम स्थल नहीं हैं। ये स्थल महाराष्ट्र के लिए पवित्र हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिंदे को लेकर उन्होंने कहा, सिर्फ उपमुख्यमंत्री बने रहने के लिए कितनी चापलूसी की जरूरत है? शायद प्रधानमंत्री को भी अंदाजा नहीं है कि यहां कितनी चटुकारिता हो रही है।
ईवीएम पर उठाए सवाल, उद्धव के साथ खड़े राज ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार और मनसे अध्यक्ष राज सहित महाविकास अघाडी के शीर्ष नेता मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ मुंबई में एक नवंबर को होने वाले विपक्ष के विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे। गुरुवार को उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और पवार ने यहां एक बैठक की, जिसमें संयुक्त रैली की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता नसीम खान, शेतकरी कामगार पक्ष के जयंत पाटिल और वामपंथी दलों के नेता भी मौजूद थे।
विरोध मार्च को कांग्रेस का समर्थन
पूर्वी महाराष्ट्र में गृहनगर बुलढाणा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि उनकी पार्टी विरोध मार्च का पूरी तरह से समर्थन करती है। हालांकि, खुद मार्च में भाग लेने के सवालों को वह टाल गए। सपकाल ने कहा, कोई एक नेता महत्वपूर्ण नहीं हैं। जो भी जाएगा, वह पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा। महत्वपूर्ण बात मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित करने और उन्हें अपडेट करने की मांग है। यह मुद्दा (मतदाता सूचियों में अनियमितताओं का) सबसे पहले कांग्रेस ने उठाया था।
ठाकरे की जाति क्या है?
यह परिवार चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु समुदाय से ताल्लुक रखता है। उनके पिता केशव भारत में जन्मे ब्रिटिश लेखक विलियम मेकपीस ठाकरे के प्रशंसक थे और उन्होंने अपना उपनाम पनवेलकर से बदलकर “ठाकरे” रख लिया था, जो उनके पैतृक उपनाम “ठाकरे” का अंग्रेजीकृत रूप था।
स्मिता ठाकरे किसकी पत्नी हैं?
वह उपनगरीय मुंबई में एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ीं। उन्होंने 1986 में बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे से शादी की और 2004 में तलाक ले लिया, हालांकि वह अपने ससुराल ‘मातोश्री’ में ही रहती रहीं। उनके दो बेटे हैं, सबसे बड़ा राहुल ठाकरे और सबसे छोटा ऐश्वर्या ठाकरे।
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