Operation Sindoor: ब्रह्मोस मिसाइल अब UP से गरजेगी, कल होगा उद्घाटन

ब्रह्मोस मिसाइल

हर तरह से जनता को बचाने के लिए त्वरित फैसले ले रही भारत सरकार

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार हर तरह से जनता को बचाने के लिए त्वरित फैसले ले रही है। सीमा से ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान के ड्रोन, मिसाइलों को ध्वस्त किया है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बाद बनी है। इस तनाव के बीच देश की सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है जिसे जानकर पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल और कुछ स्वदेशी मिसाइलों का प्रयोग किया, जो कि 500-600 किमी दूर के लक्ष्य पर आधारित गणतंत्र युद्ध कर सके।

Advertisements

भारत के शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत के शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब उत्तर प्रदेश इसके उत्पादन का केंद्र बनेगा। बता दें कि 11 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का उद्घाटन करेंगे। मिसाइल निर्माण इकाई का लक्ष्य सालाना 80 से 100 मिसाइलों का उत्पादन करना है।

Advertisements
ब्रह्मोस मिसाइल

300 करोड़ रुपये की लागत वाली ब्रह्मोस मिसाइल इकाई का उद्घाटन

बता दें कि इस ईकाई की आधारशिला 2021 में रखी गई थी। रक्षा औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान की थी। उन्होंने कहा, ‘‘300 करोड़ रुपये की लागत वाली ब्रह्मोस इकाई का उद्घाटन निश्चित रूप से राज्य में इस परियोजना को बड़ा बढ़ावा देगा। पहले चरण में रक्षा गलियारा परियोजना के लिए लगभग 1,600 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिसके लिए बड़ी कंपनियों ने पहले ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस परियोजना की नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीआईईडीए) के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हम बीएचईएल के साथ भी बातचीत कर रहे हैं ताकि उसकी एक इकाई यहां आ सके।

ब्रह्मोस मिसाइल इकाई के लिए लगभग 80 एकड़ भूमि की गई आवंटित

ब्रह्मोस इकाई के लिए लगभग 80 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, जबकि लखनऊ नोड में 12 कंपनियों को कुल 117 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। रक्षा गलियारे, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 2018 के वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान की थी। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, आदित्यनाथ सरकार अलीगढ़ में परियोजना के तहत भूमि आवंटन के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी कर रही है। लखनऊ, कानपुर और अलीगढ़ में मौजूदा भूमि पहले ही आवंटित कर दी गई है। झांसी में भूमि बैंक का लगभग आधा हिस्सा, जो 1,000 हेक्टेयर भूमि के साथ सबसे बड़े नोड्स में से एक है। इसके साथ ही कुल परियोजना के लिए लगभग 60% भूमि आवंटित कर दी गई है।

लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एरोलॉय टेक्नोलॉजीज ने किया है निवेश

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अलीगढ़ में रक्षा क्षेत्र की इकाइयों द्वारा भूमि की उच्च मांग को देखते हुए बुंदेलखंड में चित्रकूट नोड और झांसी में शेष हिस्से के लिए अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयास भी चल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एरोलॉय टेक्नोलॉजीज ने निवेश किया है। इसके अलावा कई अन्य प्रमुख कंपनियों ने भी निवेश का प्रस्ताव दिया है जिसमें झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम, टाटा टेक्नोलॉजीज, ग्लोबल इंजीनियर्स और डब्ल्यूबी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया; कानपुर में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, अनंत टेक्नोलॉजीज और जेनसर एयरोस्पेस, तथा अलीगढ़ में एंकर रिसर्च लैब्स एलएलपी और एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *