बाहरी इलाके में देखा जा रहा है तेंदुआ
निर्मल। भैंसा (Bhainsa) मंडल के कोलूर गांव में रविवार को तेंदुए (Leopard) की गतिविधि से निवासियों में दहशत फैल गई। स्थानीय किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों की ओर जाने वाली सड़क पर तेंदुए के पैरों के निशान देखे हैं और दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से यह तेंदुआ गाँव के बाहरी इलाके में देखा जा रहा है। संभावित हमले की आशंका के चलते, उन्होंने वन अधिकारियों से जानवर को घने जंगलों में वापस खदेड़ने का आग्रह किया ताकि किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके।
तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि
वन विभाग के अधिकारियों ने गाँव की सीमा पर तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि की और आश्वासन दिया कि उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जानवर को उसके प्राकृतिक आवास में वापस भेजने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने किसानों को खेतों में काम करते समय समूहों में चलने तथा जंगली जानवरों से अचानक टकराव से बचने की सलाह भी दी।

तेंदुआ का दूसरा नाम क्या है?
वन्यजीव विज्ञान में तेंदुए को “लेपर्ड” कहा जाता है, जिसका वैज्ञानिक नाम Panthera pardus है। हिंदी में इसे कहीं-कहीं “चीतल तेंदुआ” या “चीतलिया बाघ” भी कहा जाता है। हालांकि यह बाघ या चीते से अलग प्रजाति है, फिर भी इसका शरीर फुर्तीला और धब्बेदार होता है।
तेंदुआ सील कितना खतरनाक होता है?
तेंदुआ स्वभाव से बेहद चालाक, शक्तिशाली और एकाकी शिकारी होता है। यह अत्यंत तेज गति और झपटने की क्षमता रखता है, जिससे यह छोटे से लेकर बड़े जानवरों का भी शिकार कर सकता है। मनुष्यों के लिए तब खतरनाक हो सकता है जब वह घायल, भूखा या मानव बस्ती में आ जाए।
भारत में कुल कितने तेंदुए हैं?
2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में तेंदुओं की अनुमानित संख्या लगभग 13,874 है। ये मुख्यतः मध्य भारत, पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, हिमालयी क्षेत्र और उत्तर पूर्वी जंगलों में पाए जाते हैं। हाल के संरक्षण प्रयासों से तेंदुआ आबादी में सुधार हुआ है, फिर भी खतरे बने हुए हैं।
Read Also : Hyderabad: मानसून ड्रीम्स का आयोजन