नशामुक्त तेलंगाना की दिशा में बढ़ाया कदम
हैदराबाद। तेलंगाना के ईगल फोर्स की हैदराबाद नारकोटिक्स पुलिस स्टेशन (Hyderabad Narcotics Police Station) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में 11 व्यक्तियों को गांजा (टीएचसी) के सेवन के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों के परिजनों की उपस्थिति में ड्रग डिटेक्शन किट से ऑन-साइट जाँच की गई, जिसमें टीएचसी की पुष्टि हुई। इसके बाद सभी आरोपियों को परिजनों की मौजूदगी में खुलकर परामर्श दिया गया और उन्हें प्रमाणित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र (De-addiction and Rehabilitation Centre) में भेजा गया।
नशे के खिलाफ सख्ती
ईगल फोर्स का कहना है कि ऐसे कदमों से न केवल नशे के खिलाफ सख्ती दिखती है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को मुख्यधारा में लाकर नशामुक्त समाज बनाने की दिशा में भी मदद मिलती है। गिरफ्तार व्यक्तियों में अज़हर, हरी प्रसाद, महेश, कैलाशनाथ, श्रीवन कुमार, तेजस्वी राज सिंह, अज़हरुद्दीन, अमन, अदनान अहमद,साई किरण शामिल हैं।
ड्रग का मतलब क्या होता है?
किसी भी ऐसी रासायनिक पदार्थ को ड्रग कहा जाता है जो शरीर या दिमाग पर प्रभाव डालता है। यह दो प्रकार के होते हैं—वैध (दवाइयाँ) और अवैध नशे वाले पदार्थ। वैध ड्रग उपचार में उपयोग होते हैं, जबकि अवैध ड्रग लत, नुकसान और अपराध को बढ़ाते हैं।
ड्रग्स का नशा कितनी देर तक रहता है?
प्रभाव इस्तेमाल की गई ड्रग के प्रकार, मात्रा और शरीर की क्षमता पर निर्भर करता है। कुछ ड्रग्स का असर 30 मिनट से 2 घंटे तक रहता है, जबकि कोकिन, एलएसडी या हेरोइन जैसी चीजों का प्रभाव कई घंटों तक बना रह सकता है। कुछ के आफ्टर-इफेक्ट एक दिन तक भी रहते हैं।
ड्रग लाइसेंस कैसे बनता है?
इस प्रक्रिया में राज्य की ड्रग कंट्रोल ऑफिस में आवेदन जमा करना होता है। फार्मासिस्ट की योग्यता, दुकान का नक्शा, जरूरी दस्तावेज और निरीक्षण रिपोर्ट शामिल होते हैं। नियमों के अनुरूप मिलने पर विभाग लाइसेंस जारी करता है, जो दवाओं की बिक्री या भंडारण के लिए अनिवार्य होता है।
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