తెలుగు | Epaper

Weather : बिहार के 500 से ज्यादा गाँव डूबे बाढ़ में, यलो अलर्ट जारी

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Weather  : बिहार के 500 से ज्यादा गाँव डूबे बाढ़ में, यलो अलर्ट जारी

पटना। बिहार में मॉनसून (Monsoon) की रफ्तार भले ही धीमी हो गई हो, लेकिन फिलहाल राज्य में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने शनिवार को 32 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है और कई जगह भारी से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।

502 गाँव बाढ़ की चपेट में

गंगा और कर्मनाशा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पटना और मुंगेर समेत कई जिलों में गंगा का पानी चेतावनी स्तर पार कर चुका है। अब तक 502 गाँव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

भारी बारिश का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान केंद्र ने पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और भागलपुर में भारी बारिश (Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है। वहीं, पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पूर्णिया समेत 28 जिलों में मध्यम बारिश होने की संभावना है। भोजपुर, बक्सर, कैमूर और औरंगाबाद में हल्की बारिश दर्ज की जा सकती है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का खतरा भी रहेगा।

गंगा का जलस्तर बढ़ा, खतरा गहराया

मुंगेर में गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर से 59 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। तेज कटाव की वजह से पटना, भोजपुर, वैशाली, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, मधेपुरा और नालंदा जिलों के कई गाँव प्रभावित हैं।

किसानों की बढ़ी परेशानी

भारी बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर खरीफ की फसलों पर पड़ा है। पटना जिले के 13 प्रखंडों की 115 पंचायतों में लगभग 20 हजार हेक्टेयर फसल चौपट हो चुकी है। धान, मक्का और सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार ने कृषि राहत योजना 2025-26 के तहत किसानों से आवेदन माँगे हैं।

सितंबर से राहत की उम्मीद

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर के पहले दो हफ्तों में अगर अच्छी बारिश हुई तो खरीफ की फसलों को राहत मिल सकती है। खासकर धान की खेती को इससे बड़ा सहारा मिलेगा।

पटना का मौसम

राजधानी पटना में शनिवार को हल्की बारिश और आंशिक बादल छाए रहने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। उमस से अभी राहत की संभावना नहीं है

बिहार में सबसे भयानक बाढ़ कब आई थी?

वर्ष 1978, 1987, 1998, 2004 और 2007 में बिहार में बाढ़ की उच्च तीव्रता देखी गई 2004 की बाढ़ बाढ़ की समस्या की गंभीरता को दर्शाती है, जब बागमती, कमला और अधवारा नदियों के समूहों की बाढ़ से 23490 वर्ग किलोमीटर का विशाल क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था,

बिहार में हर साल बाढ़ क्यों आती है?

नेपाल के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होती है, जिसका पानी नारायणी, बागमती और कोशी जैसी प्रमुख नदियों में बहता है। भारत में प्रवेश करते ही ये नदियाँ अपने किनारे तोड़ देती हैं, जिससे बिहार के मैदानी और निचले इलाकों में बाढ़ आ जाती है। 

Read More :

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870