हैदराबाद। सिंचाई, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी (N. Uttam Kumar Reddy) ने तेलंगाना राज्य भर में सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक और आक्रामक कार्रवाई (Aggressive Action) के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को अतिक्रमित सिंचाई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने और आगे अवैध कब्जे को रोकने के लिए उन पर बाड़ लगाने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने जारी किए ये निर्देश
मंत्री ने ये निर्देश गुरुवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर तेलंगाना सचिवालय में आयोजित एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान जारी किए। बैठक में सिंचाई विभाग, हाइड्रा, राजस्व और पुनर्वास एवं पुनर्वास विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने स्पष्ट किया कि सिंचाई भूमि पर अतिक्रमण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर जब भूमि की कीमत करोड़ों रुपये हो। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन संपत्तियों की बाड़ लगाने और बिना किसी देरी के उन्हें पुनः प्राप्त करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए।
एक विशेष सामान्य निदेशक (जीपी) की नियुक्ति का अनुरोध
सरकारी ज़मीनों की सुरक्षा के प्रयासों के तहत, मंत्री ने अटॉर्नी जनरल से सिंचाई विभाग के लिए एक विशेष सामान्य निदेशक (जीपी) की नियुक्ति का अनुरोध किया ताकि भूमि संरक्षण की प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली किसी भी कानूनी जटिलता से निपटा जा सके। हैदराबाद के विशिष्ट मामलों का उल्लेख करते हुए, उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि गंडिपेट और राजेंद्रनगर के पास वालमतारी (जल एवं भूमि प्रबंधन प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान) और टीजीईआरएल (तेलंगाना भूजल एवं सिंचाई अनुसंधान प्रयोगशाला) के अंतर्गत आने वाली ज़मीन के एक बड़े हिस्से पर अतिक्रमण किया गया है।
131.31 एकड़ ज़मीन अतिक्रमित के रूप में पहचानी गई
इन क्षेत्रों की 426.30 एकड़ ज़मीन में से 131.31 एकड़ ज़मीन अतिक्रमित के रूप में पहचानी गई है। इसमें से 81.26 एकड़ ज़मीन आईटीआईआर (सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र) के अधिकार क्षेत्र में आती है और वर्तमान में अदालती मुकदमे के अधीन है, जबकि शेष 50.13 एकड़ ज़मीन पर सीधे अतिक्रमण किया गया है। मंत्री ने बताया कि इन अतिक्रमणों से संबंधित 20 मामले ज़िला अदालत में लंबित हैं और दो अन्य मामले उच्च न्यायालय में चल रहे हैं। उच्च मूल्य वाली भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए, मंत्री ने सिंचाई विभाग, हाइड्रा, राजस्व और पुनर्वास एवं पुनर्वास प्रभागों के अधिकारियों को निकट समन्वय में काम करने के निर्देश दिए।
सिंचाई विभाग की सभी भूमि, भवनों और आवासों की एक पूरी सूची तैयार करे : मंत्री
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि विभाग प्राथमिकता के आधार पर तेलंगाना भर में सिंचाई विभाग की सभी भूमि, भवनों और आवासों की एक पूरी सूची तैयार करे। समीक्षा बैठक में सिंचाई विभाग के विशेष मुख्य सचिव प्रशांत जीवन पाटिल, हाइड्रा आयुक्त ए.वी. रंगनाथ, पुनर्वास एवं पुनर्वास आयुक्त शिवकुमार नायडू, ईएनसी अफजल हुसैन, ईएनसी प्रशासन रमेश बाबू, वालमतारी महानिदेशक अनीता और हाइड्रा एसपी अशोक उपस्थित थे।
तेलंगाना में सिंचाई विकास क्या है?
Telangana सिंचाई विकास (Irrigation Development) का मतलब है राज्य में कृषि को सशक्त बनाने के लिए जल संसाधनों का पूर्ण और सुनियोजित उपयोग करना — जिसमें नए स्रोतों का निर्माण, पुराने सिस्टम का सुधार, जल संरक्षण और किसानों को जल‑सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल है।
सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव कौन है?
वर्तमान Secretary to Government, Irrigation & CAD Department, Telangana है:
- Sri Rahul Bojja, IAS, जो Principal Secretary (या Secretary to Government) के पद पर कार्यरत हैं।
सिंचाई विभाग में कौन-कौन से पद होते हैं?
विभाग की हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट (HOD) एवं पदों की संरचना है।
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