कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची (Voter List) के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने सक्रियता बढ़ा दी है। आयोग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय को फिर से पत्र लिखकर तैयारियों की प्रगति पर रिपोर्ट तलब की है।
इसी महीने पूरी करनी होंगी तैयारियां
आयोग चाहता है कि इस महीने के भीतर सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। इसके लिए चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (ERO) और सहायक चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (AERO) के रिक्त पदों की स्थिति का ब्योरा भी मांगा गया है। 29 अगस्त तक राज्य को सारी जानकारी दिल्ली भेजनी होगी।
29 अगस्त को राजनीतिक दलों की बैठक
राज्य के सीईओ मनोज अग्रवाल ने 29 अगस्त को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। इसमें विशेष रूप से उन 14,000 नए बूथों पर चर्चा होगी जो राज्य में बढ़ाए जाने वाले हैं।
80,000 से बढ़कर होंगे 94,000 बूथ
आयोग के निर्देश के अनुसार, जहां भी 1,200 से अधिक मतदाता हैं, वहां नए बूथ बनाए जाएंगे। वर्तमान में बंगाल में 80,000 से अधिक बूथ हैं, जबकि नए बूथ बनने के बाद यह आंकड़ा 94,000 से ऊपर पहुंच जाएगा।
गड़बड़ी के आरोपियों पर कार्रवाई
बंगाल सरकार ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप में फंसे वेस्ट बंगाल सिविल सर्विस के चार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आयोग से समय मांगा है।
- आयोग के दबाव के चलते सरकार ने चारों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
- हालांकि अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
अमर्त्य सेन की चिंता
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने SIR प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा—
“अगर इसे संवेदनशील तरीके से नहीं किया गया तो गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। प्रशासनिक प्रक्रियाएं और पुनरीक्षण जरूरी हैं, लेकिन यह मौलिक अधिकारों की कीमत पर नहीं होना चाहिए।”
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