मुंबई, 19 अगस्त 2025: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर ठाकरे (Thackeray) परिवार सुर्खियों में है। इस बार शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मिलकर बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों को कड़ी चुनौती दी है।
यह चुनाव, जो 21 सीटों के लिए हो रहा है, न केवल बेस्ट कर्मचारियों के बीच महत्वपूर्ण है, बल्कि आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों से पहले एक बड़ा सियासी लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की यह जोड़ी मराठी मानुष के वोटों को एकजुट करने की कोशिश में है, जबकि बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना इसे अपने पक्ष में मोड़ने के लिए जोर लगा रही है।
ठाकरे ब्रदर्स का गठजोड़: मराठी वोटों पर नजर
शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में गठबंधन किया है, जिसमें मनसे को 21 में से 2 सीटें दी गई हैं। शिवसेना (यूबीटी) की बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने कहा, “ठाकरे भाइयों की एकजुटता के संदेश के अनुरूप मनसे ने हमारे साथ गठबंधन किया है। हमने उन्हें दो सीटें दी हैं, और हम मिलकर बीजेपी और अन्य यूनियनों को चुनौती देंगे।” मनसे के मुंबई शहर अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने इस गठबंधन की पुष्टि की और कहा कि यह मराठी मानुष के हितों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है
यह गठजोड़ पिछले साल विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों की हार के बाद आया है, जहां शिवसेना (यूबीटी) की सीटें 20 तक सिमट गईं और मनसे का खाता भी नहीं खुला। उद्धव और राज ठाकरे ने हाल ही में एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया है, खासकर महायुति सरकार के हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के विवादास्पद फैसले के बाद।
यह गठजोड़ मराठी वोटरों को एकजुट करने की कोशिश है, जो मुंबई और आसपास के इलाकों में दोनों पार्टियों का मजबूत आधार है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह गठबंधन सफल रहा, तो यह बीएमसी चुनावों में ठाकरे परिवार की स्थिति को मजबूत कर सकता है।
बीजेपी की चुनौती और सियासी समीकरण
बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के लिए यह चुनाव एक बड़ा इम्तिहान है। बेस्ट के कर्मचारी मुख्य रूप से मराठी हैं, और यह क्षेत्र ठाकरे परिवार का गढ़ रहा है। बीजेपी के पास गैर-मराठी वोटरों, जैसे गुजराती, मारवाड़ी, जैन और उत्तर भारतीय समुदायों का मजबूत आधार है, लेकिन मराठी वोटरों के बीच उसकी पकड़ कमजोर है।
बीजेपी के एमएलसी प्रसाद लाड और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे इस चुनाव में अपनी यूनियनों के जरिए प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बेस्ट कर्मचारी यूनियन के नेता शशांक राव भी अपनी-अपनी पैनल के साथ मैदान में हैं
महायुति गठबंधन में शामिल अजित पवार की एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “ठाकरे भाइयों का गठजोड़ मराठी वोटरों को एकजुट कर सकता है, लेकिन यह गैर-मराठी वोटरों को बीजेपी के पक्ष में और मजबूत करेगा।”
दूसरी ओर, मराठी वोटरों का बंटवारा शिवसेना (यूबीटी)-मनसे गठजोड़, शिंदे की शिवसेना और अन्य पार्टियों के बीच हो सकता है, जो बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। बीजेपी ने हाल के विधानसभा चुनावों में 134 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई है, लेकिन बीएमसी जैसे स्थानीय निकाय चुनावों में मराठी वोटरों की भूमिका अहम होगी।
आगे क्या?
बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि क्या ठाकरे ब्रदर्स मराठी वोटरों को एकजुट कर बीजेपी के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश कर सकते हैं। यह चुनाव बीएमसी और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक सियासी ताकत का प्रदर्शन है। यदि शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का गठजोड़ सफल रहा, तो यह ठाकरे परिवार की सियासी प्रासंगिकताको फिर से स्थापित कर सकता है।
दूसरी ओर, बीजेपी और शिंदे की शिवसेना इस जीत को महायुति की ताकत के रूप में पेश करने की कोशिश करेंगे। फिलहाल, यह सियासी जंग मराठी मानुष की भावनाओं और मुंबई की सियासत को नई दिशा दे सकती है। बीएमसी चुनावों से पहले यह लिटमस टेस्ट ठाकरे ब्रदर्स और बीजेपी दोनों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
ये भी पढ़े