Janmashtami : भक्तों के लिए यह दिन बेहद खास होगा क्योंकि इस बार (Ashtami) अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा वृषभ राशि (Taurus Horoscope) में होने का दुर्लभ योग बन रहा है।
दुर्लभ महासंयोग: 100 वर्षों में एक बार बनने वाला योग
Janmashtami : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का शुभ संयोग भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य की ऊर्जा को और अधिक बल देता है।
पूजन का मुहूर्त: रात 12:03 से 12:45 बजे तक
इस शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस समय व्रत, भजन और पूजा का विशेष महत्व है।
Krishna Janmashtami 2025 Date And Shubh Yog: इस साल जन्माष्टमी के दिन कई दुर्लभ ग्रह योगों और सुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है जिसने इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा दिया है। ऐसी मान्यता है कि जब भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दुर्लभ योगों में आती है तो ये विशेष रूप से फलदायी साबित होती है। बता दें इस साल श्रीकृष्ण जयंती पर यानी 16 अगस्त 2025 को वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और ज्वालामुखी योग का महासंयोग बन रहा है। ये योग तीन राशि वालों को कई चमत्कारी परिणाम देगा।
जन्माष्टमी 2025 इन तीन राशियों के लिए रहेगी खास

वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा रहेगी। जन्माष्टमी के दिन बनने वाले शुभ योग आपको कार्यों में सफलता दिलाएंगे। जो जातक व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें मुनाफा होगा। लंबे समय से अटका हुआ पैसा मिलने की पूर्ण संभावना है। जो लोग नौकरीपेशा हैउनके लिए वेतन में वृद्धि के योग बन रहे हैं। भगवान कृष्ण की कृपा से दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहेगा।
कर्क राशि- कर्क राशि वालों के लिए जन्माष्टमी वरदान साबित होगी। कोई विशेष व्यक्ति आपके जीवन में प्रवेश कर सकता है जिससे आपको करियर में लाभ प्राप्त होने की संभावना रहेगी। पूर्व में किए गए निवेश अब फल देने लगेंगे। आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। कई माध्यमों से धन प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
सिंह राशि- जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनकी मेहनत रंग ला सकती है। आर्थिक स्थिति पहले से बढ़िया हो जाएगी। निवेश से खूब लाभ मिलेगा। भगवान कृष्ण की कृपा से जिस भी काम में हाथ डालेंगे उसमें सफलता मिलने के प्रबल आसार रहेंगे।
कृष्ण जी का जन्म किस तारीख को हुआ था?
ज्याेतिषाचार्य के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए प्रत्येक वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को श्रद्धालु श्रद्धा भाव से मनाते हैं। इस वर्ष जन्माष्टमी 30 अगस्त को है। जन्माष्टमी पर आठ वर्षों के बाद द्वापर जैसा संयोग बना है, जाे बहुत ही दुर्लभ है।
जन्माष्टमी 2 दिनों तक क्यों मनाई जाती है?
इस साल 2 दिन क्यों पड़ रही है जन्माष्टमी? जन्माष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग पर मनाया जाता है। इस साल अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 2 अलग-अलग दिनों में पड़ रहा है, इसी कारण 2 दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है।